नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने कार्रवाई की है। ईडी की टीम नेशनल हेराल्ड के दफ्तर में छापेमारी कर रही है। बता दें की ईडी की टीम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों के हवाले से बताया कि ईडी ने नेशनल हेराल्ड के दफ्तर के साथ ही 14 ठिकानों पर छापेमारी की है।

गौरतलब है कि ईडी ने हाल ही में सोनिया गांधी से तीन दिन तक पूछताछ की थी। तीन दिन की पूछताछ में ईडी ने सोनिया से 100 से ज्यादा सवाल पूछे गए थे। पूछताछ के दौरान उनके साथ प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। सोनिया गांधी से पूछताछ का सिलसिला 18 जुलाई को शुरू हुआ था। उस दिन उनसे करीब दो घंटे पूछताछ की गई थी। तब उनसे 27-28 सवाल पूछे गए थे। ये सवाल एजेएल के माली हालत खराब होने, कांग्रेस की ओर से 90 करोड़ रुपये के लेन-देन के फैसले से जुड़े थे।

26 जुलाई को सोनिया गांधी से करीब 6 घंटे तक पूछताछ चली थी। तब सोनिया ने ज्यादातर सवालों का जवाब श्नहीं मालूमश् में ही दिया था। सोनिया ने इस दौरान सवालों से बचने की कोशिश की थी। 6 घंटे की पूछताछ में उनसे लगभग 50 सवाल पूछे गए। सोनिया के अलावा ईडी ने उनके बेटे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से इस मामले में पांच दिनों तक विभिन्‍न सत्रों में लगभग 50 घंटे से ज्‍यादा समय तक पूछताछ की थी।

जानिए नेशनल हेराल्ड के बारे में

देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 20 नवंबर 1937 को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी AJL का गठन किया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। तब AJL के अंतर्गत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित हुए। भले ही AJL के गठन में पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमिका थी, लेकिन इसपर मालिकाना हक कभी भी उनका नहीं रहा। क्योंकि, इस कंपनी को 5000 स्वतंत्रता सेनानी सपोर्ट कर रहे थे और वही इसके शेयर होल्डर भी थे। 90 के दशक में ये अखबार घाटे में आने लगे। साल 2008 तक AJL पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। तब AJL ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। अखबारों का प्रकाशन बंद करने के बाद AJL प्रॉपर्टी बिजनेस में उतरी।