बिलासपुर। प्रदेश में इन दिनों सोमरस बहस छिड़ी हुई है। हालांकि कोई राजनीतिक दल इस मुद्दे पर एक मत नहीं हैं। इस बीच, अब मरवाही के पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पहलवान सिंह मरावी का भी विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि शराब आज से ही नहीं बल्कि सतयुग से लोग पीते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके 10 नाम हैं। अलग-अलग जगहों पर इसे अलग-अलग नामों से पहचाना जाता है। कांग्रेस नेता पहलवान सिंह मरावी ने मंत्री प्रेमसाय सिंह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि देवताओं के राजा इंद्र सोमरस पीते थे, वो भी दारू ही थी। ताड़ी भी दारू है और सल्फी भी दारू है।

उन्होंने कहा कि एक आदिवासी मंत्री जी ने कहा कि दारू को डायल्यूट करके पीयो, उसमें पानी मिलाकर पीयो, तो उसमें कुछ गलत नहीं है, क्योंकि ये थोड़ा तेज होता है। चूंकि आदिवासी लोग सीधे कच्ची महुआ पी लेते हैं, तो इसलिए उन्होंने ऐसा कहा। उन्होंने कहा कि जब देवराज इंद्र सोमरस पी सकते हैं, तो फिर हमारी क्या बिसात है। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी का वादा कर कांग्रेस सत्ता में जरूर आई थी, लेकिन लगातार इसके मंत्री-नेता शराब के पक्ष में बयान दे रहे हैं।

पहलवान सिंह मरावी ने कहा कि प्रदेश में दारू कभी भी बंद नहीं होगी। चाहे कोई विधायक-मंत्री वादा कर ले, बाद में वो मुकर जाएंगे। शराब का चाहे कितना भी विरोध हो, ये चलती रहेगी। चार युग चौहत्तर चौघड़ी से लोग शराब पीते आ रहे हैं और पीते रहेंगे। उन्होंने कहा कि देश की अधिकांश आबादी शराब चख चुकी है।

मरवाही विधायक बोले-शराब नुकसानदायक
मरवाही विधायक डॉ केके ध्रुव ने शुक्रवार को कहा कि पानी मिलाने से शराब की तीव्रता जरूर कम हो जाजी है, लेकिन दारू की सलाह देना नुकसानदायक ही है। अब उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने किस संदर्भ में ये बात कही थी, मैं नहीं जानता, इसलिए उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि आदिवासी समाज में शराब को अधिकार के रूप में उपयोग किया जाता है।