कोरबा। जिले में फर्जी वोटर कार्ड बनाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने दर्री क्षेत्र में च्वाइस सेंटर की आड़ में फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाए जाने का खुलासा किया है। च्वाइस सेंटर संचालक किसी अन्य का एपिक नंबर का उपयोग कर वोटर आईडी में नाम, पता बदल अन्य राज्य से आए लोगों को 800 रूपए लेकर वोटर आईडी बना दिया करता था। पुलिस ने 74 फर्जी वोटर आइडी कार्ड जब्त किए हैं।

पुलिस के अनुसार दर्री थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रेमनगर जेलगांव चौक के पास स्थित गज्जू डिजिटल नामक च्वाइस सेंटर का संचालक गजेंद्र साहू फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाने का काम लंबे समय से कर रहा था। इसका उपयोग विभिन्न माइक्रो फाइनेंस कंपनी, बैंक व अन्य जगहों पर परिचय पत्र के रूप में किया जा रहा था। इसकी सूचना पर दर्री पुलिस की टीम ने च्वाइस सेंटर की निगरानी शुरू की। पुलिस को सेंटर में फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाने की पूरी रिपोर्ट मिलने पर छापा मारा। जहां संचालक गजेंद्र साहू ने पहले तो ऐसे किसी कार्य को करने से साफ इंकार कर दिया, लेकिन पुलिस ने उसके कृत्यों की जानकारी प्रस्तुत की, तो उसने स्वीकार किया की वो फर्जी वोटर आईडी बनाता है और अभी तक सैकड़ों कार्ड बना चुका है।

74 फर्जी वोटर कार्ड भी जब्त
पुलिस ने उसके सेंटर से मोबाइल व कंप्यूटर से 74 फर्जी बनाए हुए वोटर आईडी कार्ड जब्त किए। पुलिस ने गजेंद्र के विरूद्ध धारा 420, 467,468,471 के तहत मामला दर्ज करते हुए आरोपी के कब्जे से 74 नग फर्जी वोटर आइडी, मोबाइल, लैपटाप, डेस्कटाप, सीपीयू प्रिंटर- स्कैनर, लेमिनेटर जप्त करके गिरफ्तार कर लिया है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि शासन ने च्वाइस सेंटर के माध्यम से वोटर आईडी कार्ड बनाने का कार्य एक वर्ष पहले बंद कर मतदाता पहचान पत्र सीधे मतदाता के पते पर भेजने के निर्देश जारी किया था। गजेंद्र अपने च्वाइस सेंटर की आईडी से किसी मतदाता परिचय पत्र का एपिक नंबर निकाल लेता था और उस कार्ड में फोटो व एड्रेस किसी और का डाल कर प्रिंट कर देता था। निर्वाचन अधिकारी के हस्ताक्षर वाले स्थान पर एसडीएम कटघोरा के स्कैन हस्ताक्षर को प्रिंट कर देता था। इससे वोटर आईडी कार्ड एकदम सही प्रतीत होते थे, जब तक एपिक नंबर को कोई चेक न करें।