रायपुर। प्रदेश में नए साल के साथ ही दो नए अभियान की शुरुआत हो गई। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव व स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम इसका शुभारंभ किया है। इस अभियान के अंतर्गत बच्चों के पठन व गणितीय कौशल विकास के लिए सौ दिवसीय कार्यक्रम व शाला त्यागी बच्चों के लिए व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम-स्किल हब एनिशियेटिव कार्यक्रम शामिल हैं।

अभियान की शुरुआत करते हुए मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि स्कूली बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए इन दोनों योजनाओं को शुरू करने का निर्णय लिया है। कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई और उनके मानसिक विकास पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा। स्कूल शिक्षा विभाग ने सौ दिनों का पठन, गणितीय कौशल विकास कार्यक्रम शुरू कर बहुत बड़ी कमी को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाया है। इसका लाभ आने वाली पीढ़ी को मिलेगा। बच्चों का बौद्धिक स्तर और अधिक बेहतर होगा। दूसरी योजना स्कूल छोड़ चुके बच्चों के लिए समसामायिक रोजगारपरक शिक्षा और कौशल उन्नयन से युवाओं का भविष्य सुधरेगा।

इस सौ दिवसीय कार्यक्रम को तीन स्तरों के लिए तैयार किया गया है। पहला स्तर आंगनबाड़ी से कक्षा दूसरी तक के बच्चे, दूसरे स्तर में कक्षा तीसरी से पांचवी तक और तीसरे स्तर में कक्षा छठवीं से आठवीं तक के बच्चों को शामिल किया गया है। यह कार्यक्रम 14 सप्ताहों में विभाजित है। प्रत्येक सप्ताह के लिए भाषा और गणित में अलग-अलग थीम साझा की जाएगी। इस थीम को बहुत अच्छे से कक्षा के सभी बच्चों में पूरे सप्ताह अभ्यास करवाते हुए उन्हें दक्ष बनाने का प्रयास किया जाएगा। कक्षा के भीतर और बाहर समुदाय के सहयोग से सप्ताह के लिए निर्धारित सामग्री का अभ्यास कराया जाएगा।

इसी प्रकार स्कूल छोड़ चुके बच्चों के लिए स्किल हब एनिशियेटिव कार्यक्रम राज्य में पहली बार विद्यालय स्तर पर समग्र शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा पर आधारित कौशल केन्द्र की पहल की जा रही है। इसके अंतर्गत राज्य में कुल 86 विद्यालयों का चयन भारत शासन द्वारा किया गया है। प्रथम चरण में प्रदेश के 17 जिलों के 18 विद्यालयों का चयन किया गया है। कौशल केन्द्र के माध्यम से 15 से 29 आयु वर्ग के शाला छोड़ने वाले विद्यार्थियों को उपलब्ध व्यावसायिक कोर्स पर कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।  इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक विद्यालय से अधिकतम 40 विद्यार्थियों का एक बैच होगा। प्रशिक्षण से सर्टिफिकेशन कार्यक्रम की कुल अवधि 6 माह होगी। प्रशिक्षण प्रत्येक दिवस विद्यालय अवधि के बाद लगभग दो घंटे और साप्ताहिक अवकाश में संचालित किया जाएगा।

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