रायपुर। केंद्र सरकार ने तीनों नए कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यह घोषणा देश के नाम अपने संबोधन में करते हुए कहा कि सरकार ने नाराज किसानों को समझाने का हरसंभव प्रयास किया। कई मंचों से उनसे बातचीत हुई, लेकिन वो नहीं माने। इसलिए, अब तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया गया है। इस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गांधीवादी आंदोलन ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है। केंद्र सरकार को तीन काले कानूनों को वापस लेने पर बाध्य करने के लिए देश के‌ किसानों को बधाई। यह किसानों की ही नहीं, अन्याय के खिलाफ लोकतंत्र की जीत है।

बताते चलें कि प्रधानमंत्री ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि कहा- साथियों, मैं देशवासियों से क्षमा मांगते हुए, सच्चे मन से और पवित्र हृदय से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रह गई होगी, जिसके कारण दिए के प्रकाश जैसा सत्य, कुछ किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाए। पीएम ने कहा कि चूंकि सरकार हर प्रयास के बावजूद किसानों को समझा नहीं पाई, इसलिए कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया गया है। पीएम ने कहा कि इसकी प्रक्रिया भी इसी संसद सत्र में पूरी कर दी जाएगी।

पीएम मोदी ने कहा कि आज गुरु नानकदेव जी का प्रकाश पर्व है। यह समय किसी को भी दोष देने का नहीं है। आज मैं आपको, पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में हम तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।

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