रायपुर। निवेदिता शंकर छत्तीसगढ़ रायपुर की एक ऐसी सितार वादक हैं जिन्होंने अपनी संगीत कला से देशभर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। छत्तीसगढ़ की तो वे अकेली स्त्री सितार वादक हैं जिन्होंने इस वादन में उल्लेखनीय योगदान दिया है। संगीत के साथ वे आज लाइव हो रही हैं।

बता दें कि बहुत श्रम और मेहनत से वे इस मुकाम पर पहुंचीं हैं। सालों की तपस्या के बाद वे इस विधा में पारंगत हुई हैं। वास्तव में वे देशभर की गिनी चुनी युवा स्त्री सितार वादकों में से एक हैं, जिनके पास सितार का पूरा साज है।

इस वादन से संपूर्ण रचना को करते हैं संतुलित
निवेदिता शंकर सितार वादन के हर आयाम में दक्ष हैं। सुन्दर रचनाओं से आलाप-जोड़, बोल-बांट, बढ़त, मींड़, गमक, क्रंतन, जमजमा, खट्का, झाला आदि उनके वादन में एक रचनात्मक सम्पूर्णता में संतुलित तरीके से स्थान पाते हैं। वे उन वादकों में हैं जो गति और अजूबे स्वर रचनाओं के जरिए किसी को अवाक कर रख देने की बजाय हाथ की तैयारी से सृजित मिठास भरे वादन से श्रोता का दिल जीतने में विश्वास रखते हैं।

इनके वादन में दो खासियतें
शास्त्रीय वादन के साथ गायन में निश्रांत होने के कारण निवेदिता के वादन में तंत्रकरी एवं गायिकी दोनों अंगों का संतुलन मौजूद है, जो उनके वादन को एक अलग पहचान दिलाती है। सितार के दोनों प्रमुख घरानों मैहर घराना एवं इमदाद खानी घराना के गुरुओं से प्रशिक्षित होने के चलते उनके वादन में दोनों की खासियतें मौजूद हैं।

एक मुन्फ़रिद बाज भी विकसित किया
एक अच्छे फनकार की तरह इन सब के बीच निवेदिता शंकर ने अपना एक मुन्फ़रिद बाज भी विकसित किया है जो एकदम अलग उनका अपना है। आज जब हर तरफ छुद्र कलाओं तथा फिल्मी संगीत के उत्साहवर्धन का वातावरण है, ऐसे में निवेदिता जैसी एकनिष्ठ होकर शास्त्रीय संगीत को समर्पित कलाकार का स्वागत किया जाना चाहिए। रायपुर, छत्तीसगढ़ की इनी-गिनी संस्थाएं ही ऐसा कर रही हैं जिनमें दीपक व्यास द्वारा स्थापित गुनरस पिया फाउंडेशन प्रमुख है। खुशी का विषय है कि रविवार 19 दिसंबर को फाउंडेशन के फेसबुक पेज पर निवेदिता अपने सितार के साथ लाइव हो रही हैं। ..तो आइये सुनते हैं निवेदिता शंकर का कलात्मक सितार वादन!

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