दुर्ग। मिनी इंडिया के रूप में पहचाने जाने वाले भिलाई में केवल लोहा ही नहीं बनता है, बल्कि शहर खेल प्रतिभाओं की नर्सरी भी है। भिलाई निगम ने शहर की इस पहचान को और पुख्ता किया है। भिलाई निगम के पूर्व मेयर देवेन्द्र यादव ने न केवल मैदानों का विकास कराया, बल्कि दुर्दशाग्रस्त स्टेडियमों को भी अपग्रेड कराया। शहर में स्पोर्ट्स एकेडमी खुलवाने की पहल की है। ताकि खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण मिल सके।

भूपेश सरकार कर रही खिलाड़ियों को सुविधाएं देने का प्रयास
प्रदेश की भूपेश सरकार खिलाड़ियों को सुविधाएं देने का प्रयास कर रही है। हाउसिंग बोर्ड में खेल मैदान के लिए आरक्षित जमीन पर 13 सितंबर 2018 को सुविधायुक्त क्रिकेट स्टेडियम बनाने की नींव रखी। लगभग सवा साल में यह स्टेडियम बनकर तैयार हो गया। जवाहर नगर की ज़मीन पर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की नींव रखी और इंडोर हॉल का निर्माण कराया।

सेक्टर में भी खेल को प्रोत्साहन
सेक्टर-2 में 23,500 वर्गफीट में एक करोड़ 50 लाख की लागत से फ़ुटबॉल ग्राउंड का निर्माण हुआ, जो जिले का पहला एस्ट्रोग्रास युक्त फ़ुटबॉल ग्राउंड है। नायर समाज स्कूल में 10 लाख की लागत से बास्केटबॉल कोर्ट का निर्माण कराया गया। बजरंगपारा कोहका में वालीबॉल कोर्ट का भी निर्माण किया गया।

खेल में पटरीपार के बदले हालात
खुर्सीपार के इंडोर स्टेडियम में टेबल टेनिस कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट, स्क्वाश रूम एवं अन्य इंडोर गेम की सुविधा दी जा रही हैं। श्रीराम चौक क्रिकेट स्टेडियम में डेढ़ करोड़ की लागत से हाईमास्ट लाइट और मैदान समतीकारण कार्य हुआ। सेक्टर-5 में बैडमिंटन कोर्ट, बास्केटबॉल कोर्ट और क्रिकेट ग्राउंड तैयार किया गया है। ख़ुर्सीपार में स्थित पं. दीनदयाल क्रिकेट स्टेडियम को स्पोर्ट्स एकेडमी के रूप में विकसित किया गया।

हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में खिलाड़ियों को मिली ये सुविधाएं
हाउसिंग बोर्ड वार्ड 26 में 10 एकड़ ज़मीन पर एक करोड़ 37 लाख की लागत से दाउ श्रीवासुदेव चंद्राकर क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हुआ। यहां नेचुरल ग्रीन युक्त प्ले ग्राउंड एरिया, ग्राउंड की चारों तरफ़ फ़्रेंसिंग, ग्राउंड दोनों तरफ़ भव्य प्रवेश द्वार, दर्शक दीर्घा में आराम दायक कुर्सियाँ, वीआईपी गैलरी और खिलाड़ियों के लिए चेंज़िंग रूम की सुविधा है।

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