रायपुर। मुंगेली के युवा ने धान व दाल की देसी किस्मों को सहेजने के लिए स्टार्टअप शुरू किया। इस कार्य में उसने कुछ युवाओं का साथ भी लिया। इसी के सहारे वे अब धान और दालों की देसी किस्मों को सहेजने, उनके संरक्षण और जैविक तरीके से उनका उत्पादन करने का काम किया जा रहा है। साथ ही देसी उपजों का परम्परागत रुप से प्रसंस्करण कर उन्हें मार्केट में उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस युवा कृषक के प्रयास की भरपूर सराहना की है।

यहां हम बात कर रहे हैं मुंगेली निवासी युवा कृषि स्नातक तरुण साहू की। तरूण साहू ने आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की और अपने स्टार्टअप के बारे में बताया।  तरुण साहू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताया कि उन्होंने कुछ युवाओं के साथ मिलकर ‘कृषि युग’ नाम से एक स्टार्टअप प्रारंभ किया है। इसकी मदद से वे धान व दाल की देशी किस्मों को सहेजने के साथ ही उनका संरक्षण भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने तरुण साहू और उनके स्टार्ट अप द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।

तरुण साहू ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके स्टार्टअप द्वारा धान, दालों की देसी किस्मों की पैकेजिंग और बिक्री का कार्य एक वर्ष से किया जा रहा है। देसी किस्मों की खुशबू, स्वाद और गुणवत्ता के कारण लोग इन किस्मों को हाथों-हाथ ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि फसलों की हाईब्रिड किस्मों में उत्पादन तो ज्यादा होता है, लेकिन ऐसा स्वाद और खुशबू नहीं रहती। तरुण साहू ने यह भी बताया कि नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में उन्होंने स्टॉल लगाया था, जहां लोगों के बीच उनके उत्पाद काफी लोकप्रिय हुए। इस ट्रेड फेयर में हर माह 3-3 टन कोदो-कुटकी की सप्लाई का आर्डर भी मिला है।

तरुण साहू ने बताया कि कृषि युग स्टार्ट अप द्वारा स्थानीय किसानों को जोड़कर उन्हें देसी किस्मों की जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्टार्ट अप द्वारा धान की दुबराज, छत्तीसगढ़ देवभोग, जवाफूल, जीराफूल, लोकतीमांझी, तेलकस्तुरी, समुनचीन, ब्लैक राइस सहित अरहर और कोदो-कुटकी की देसी किस्मों के उत्पादन और मार्केटिंग का काम किया जा रहा है।

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