रायपुर। निलंबित आपीएस के बारे में एसीबी का दावा है कि 25 करोड़ से भी ज्यादा की अवैध संपत्ति और इन्वेस्टमेंट जीपी सिंह ने कर रखी है। एसीबी के मुताबिक रिमांड में पूछताछ के दौरान निलंबित एडीजी सिंह किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दे रहे हैं।

बता दें कि काले धन को लेकर छत्तीसगढ़ के निलंबित आपीएस जीपी सिंह से पूछताछ के बाद एसीबी ने बड़ा खुलासा किया है। जीपी सिंह ने लगभग 450 म्युचुअल फंड में 15 करोड़ रुपये लगाए हैं। वहीं परिवार के नाम पर 125 बीमा पॉलिसी भी ले रखी है। जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और अवैध उगाही के मामलों में FIR दर्ज किए गए हैं।

एसीबी के मुताबिक सिंह ने काले धन को छुपाने के लिए शैल कंपनी में 93 वर्षीय पिता को कंसल्टेंट, 80 साल की मां को लाइजनिंग अफसर बनाकर रखा है। निलंबित अधिकारी के बारे में एसीबी का दावा है कि 25 करोड़ से भी ज्यादा की अवैध संपत्ति और इन्वेस्टमेंट जीपी सिंह ने कर रखी है। एसीबी के मुताबिक रिमांड में पूछताछ के दौरान निलंबित एडीजी सिंह किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दे रहे हैं।

निलंबित एडीजी और आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह जीपी ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम के कब्जे में है। उनके मोबाइल को डिकोड करने में अफसरों को पसीना आने लगा है। पहले दिन 11 घंटे की पूछताछ में भी उनसे राज नहीं उगलवा सकी।

भष्टाचार निवारण अधिनियम और धारा 201, 467, 471 के आरोप हैं
भ्रष्टाचार के मामले में जीपी सिंह के बंगले में छापे के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे, जिसके आधार पर रायपुर कोतवाली में जीपी सिंह पर राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था, जिसका चालान कोतवाली पुलिस पहले ही कोर्ट में पेश कर चुकी है, जो कोर्ट में विचाराधीन है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर में अनुपातहीन संपत्ति और भष्टाचार निवारण अधिनियम और धारा 201,467,471 के आरोप में निलंबित आईपीएस जीपी सिंह का प्रकरण दर्ज है।

By admin