बेमेतरा। बेमेतरा जिले में धारा 144 लागू होने के बाद भी प्रशासन ने जनसुनवाई लगाई। जहां कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई गई। प्रशासनिक अधिकारी और कई गांव के ग्रामीण अपनी बात रखने पहुंचे थे। इधर कलेक्टर का कहना है जनसुनवाई पहले से तय थी।

ग्राम बोरिया में एक संयंत्र लगाया जा रहा है। इस पर आपत्ति करने वालों के लिए जनसुनवाई की जानी थी। इसी के तहत प्रक्रिया पूरी की गई। पर प्रदेश में बढ़ते कोविड-19 के बाद भी जिले में प्रशासन ने बड़ी गलती की। बेमेतरा जिले में धारा 144 लागू होने के बाद भी प्रशासन ने जनसुनवाई लगाई है। जहां बड़ी संख्या में जिलेभर से लोग परेशानियां लेकर पहुंच गए।

जनसुनवाई में बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे जहां कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते हुए प्रशासनिक अधिकारी और ग्रामीण शामिल हुए। दरअसल कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमितों की दिनों-दिन संख्या बढ़ती जा रही है। ये चिंता का विषय है। इसी लिए जिले में धारा 144 लागू किया गया है।

जिले के बेरला ब्लॉक के ग्राम बोरिया में नीरगंगा इस्पात प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने स्पंज आयरन फैक्ट्री को लगाने के खिलाफ ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। मामले के विवाद को सुलझाने के लिए कंपनी और ग्रामीणों के बीच जनसुनवाई की गई। जहां ये जनसुनवाई कोरोना गाइडलाइन की खुले आम धज्जियां उड़ाई।

पहले से तारीख तय थी
जनसुनवाई के मामले में बेमेतरा जिले के कलेक्टर भोस्कर विलास संदीपन ने बताया कि 45 दिनों पहले से ही सुनवाई की तारीख तय थी। हमने कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए सुनवाई के आदेश दिए थे। उसी के तहत व्यवस्था की गई।

प्रदेश में हालात बिगड़े जा रहे
इधर प्रदेश की स्थिति बिगड़ती जा रही है। छत्तीसगढ़ के बड़े शहर रायपुर, दुर्ग व बिलासपुर में संक्रमण की स्थिति बढ़ते क्रमण में है। 24 घंटों में 2502 कोरोना मरीजों की पहचान हुई है। 2 मरीजों की मौत हुई है। दैनिक संक्रमण के मामले में राजधानी रायपुर में कुल 830 नए कोरोना मरीजों की पहचान हुई। लगातार बढ़ते मामलों के कारण प्रदेश में सक्रीय मरीजों की संख्या बढ़ गई है फिलहाल प्रदेश में सक्रिय मरीज 15 हजार 464 है। उसके बाद भी जिला प्रशासन ने जनसुनवाई लगाई है।

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