नई दिल्ली। देश के पांच चुनावी राज्यों में विधनासभा चुनाव 2022 का प्रचार अपने चरम पर है। मगर, चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर के संक्रमण को देखते हुए सभी पांच राज्यों में रैलियों और रोड शो पर रोक 8 जनवरी को रोक लगा दी थी। पहले यह रोक 15 जनवरी तक था और फिर बाद में इसे बढ़ाकर 31 जनवरी तक कर दिया गया था।

आज 31 जनवरी को रैलियों और रोड शो पर लगे प्रतिबंध के मुद्दे पर केंद्रीय चुनाव आयोग वर्चुअल रिव्यू मीटिंग करेगा। इसके बाद तय होगा कि रैलियों के लिए छूट दी जा सकती है या नहीं। बैठक मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के नेतृत्व में होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव आयोग को रिपोर्ट करेंगे। आयोग यह भी तय कर सकता है कि क्या राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को भौतिक अभियान कार्यक्रम आयोजित करने में नई राहत दी जा सकती है।

डोर-टू-डोर प्रचार में ढील
चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा के दौरान शारीरिक रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, जिन विधानसभा क्षेत्रों में पहले दो चरणों में मतदान होना है, वहां जनसभाओं की अनुमति दी गई थी। अधिकतम 500 लोगों की उपस्थिति में, साथ ही घर-घर जाकर प्रचार करने के नियमों में ढील दी जाएगी।

डिजिटल प्रचार में आ रही मुश्किलें
राजनीतिक दलों को डिजिटल मीडियम से मतदाताओं के साथ जुड़ने में मुश्किल हो रही है। ग्रामीण इलाकों में जहां डिजिटल पहुंच नहीं होने की वजह से सबसे ज्यादा मुश्किलें वहां के मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने की है।  इसे देखते हुए राजनीतिक पार्टियां चुनाव आयोग से कुछ राहत की उम्मीद कर रही हैं। बताया जा रहा है आज इस संबंध में चुनाव आयोग द्वारा कोई निर्णय लिया जाएगा। हांलाकि कोरोना के कम होते मामलों को देखते हुए राजनीतिक दलों को राहत की उम्मीद है।