रायपुर।  सुगम एवं सुदृढ़ यातायात प्रबंधन के लिए नव निर्मित इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च में 120 यातायात पुलिस कर्मियों के प्रथम बैच की विशेष ट्रैंनिंग आयोजित की गई। इस अवसर पर इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च की गर्वनिंग बाडी सदस्य एवं एआईजी ट्रैफिक संजय शर्मा ने कहा कि  एक सप्ताह के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सड़क के नियमों, यातायात संकेतकों, ट्रैफिक कंट्रोल डिवाईस का बेहत्तर उपयोग, रोड़वेज और इससे जुड़ी कानूनी जटिलताओं, मोटर व्हीकल एक्ट में हुए संशोधन के आलोक में सभी यातायात पुलिस कर्मियों को नये नियमों की स्पष्ट जानकारी, व्याख्या सहित गुड सेमेरिटन कानून, गोल्डन आवर प्रिन्सिपल, सड़क हादसों के दौरान प्राथमिक उपचार एवं आवश्यक अन्य वैधानिक कार्यवाही के साथ-साथ ट्रैफिक मैनेजमेंट की रिफ्रेशर ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

कार्यक्रम का आगाज करते हुए मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता जी ने सभी प्रशिक्षुओं को सड़क सुरक्षा की शपथ दिलाई एवं सभी प्रशिक्षुओं को यातायात की व्यवहारिक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए उनका उचित निराकरण सीखने का संदेश दिया। यातायात के अनछुए पहलुओं को सीखते हुए आचार और व्यव्हार का संयम रखते हुए अधिक से अधिक यातायात विषयों पर पारंगत होने के लिए प्रेरित किया।

प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त निदेशक अमित गुप्ता ने अवगत कराया कि इस प्रशिक्षण में काम के तनाव को कम करने के लिए और सड़क पर बेहतर यातायात संचालन के लिए यातायात कर्मियों को सॉफ्ट स्किल की भी ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें उन्हें संप्रेषण कौशल, श्रवण कौशल ए टीम कौशल एवं नेतृत्व के गुण तथा तर्कसंगती से समस्याओं के निराकरण करने के टिप्स दिए जायेंगे।

इनको सीखने के लिए ट्रेनिंग के दौरान बहुत ही रोचक खेलों का आयोजन किया जायेगा। इससे प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षु का यातायात संचालन में बेहतर होगा एवं सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण में सहायता मिलेगी। उल्लेखनीय है कि 17  करोड़ की लागत से बने इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च का शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 9 दिसंबर 2021 को किया गया था। संस्थान में वाहन प्रशिक्षण का भी शुभारंभ हुआ है।

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