रायपुर (Raipur )। तहसील कार्यालय रायगढ़ में सप्ताहभर पहले हुई मारपीट की घटना के बाद अधिकारियों की सुरक्षा पर राज्य सरकार का ध्यान है। इसके लिए व्यवस्था की गई है। दूसरी ओर तहसीलदार (Tehsildar) और वकीलों (lawyers) के बीच विवाद का असर राजधानी रायपुर में भी दिखने लगा है।

रायगढ़ (Raigarh) से उठे विवाद की वजह दबी जुबान में लोगों का मानना है कि लेन-देन को लेकर ही यह घटना घटी थी। उसके बाद प्रदेशभर में राजस्व विभाग का काम ठप पड़ गया था। यही कारण है कि अब रायपुर तहसीलदार ने एक ठोस कदम उठाया है।

राजधानी रायपुर के तहसीलदार मनीष देव साहू ने अच्छी पहल की है। तहसील ऑफिस के प्रवेश द्वार पर ही एक नोटिस चस्पा (notice pasted) करवा दिया है। नोटिस में उन्होंने रिश्वत मांगने वाले लोगों की जानकारी अपने वाट्सएप में बतौर शिकायत भेजने कहा है। तहसीलदार उक्त नोटिस के संबंध में फ्लैक्स या पेंट करवाने पर विचार कर रहे हैं, जिससे शरारती तत्व ऐसी नोटिस को फाड़ न दे।

नोटिस के मामले में तहसीलदार ने बताया कि नोटिस चस्पा करने के बाद अब तक तो रिश्वत की कोई शिकायत उनके पास नहीं पहुंची है। यदि शिकायत पहुंचती है तो वे नियमों के तहत जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे। हालांकि एक शिकायत उन्हें ट्रेन में टीटीई के 200 रुपए की रिश्ववत लेने की पहुंची है।

बता दें कि तहसील कार्यालय रायगढ़ में सप्ताहभर पहले हुई मारपीट की घटना के बाद से सुरक्षा की मांग को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों का धरना चल रहा था। रायगढ़ के मुद्दे पर पूरे प्रदेश में सरकारी अमलों में उबाल था।

मामले को लेकर पहले सभी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी उसके बाद कनिष्ठ कर्मचारी संघ लगातार हड़ताल पर रहे। इसके बाद आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी होने के बाद बाकी कर्मचारी हड़ताल से वापस चले गए, लेकिन राजस्व के कनिष्ठ प्रशासनिक संघ के सदस्य धरने पर बैठे रहे।

इस दौरान राजस्व न्यायालयों में कामकाज लगभग ठप्प हो गया था। तब राज्य शासन ने अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर सभी कलेक्टर को निर्देश जारी किया। तब जाकर राजस्व विभाग में कामकाज सामान्य हो पाया।