रायपुर। स्वर कोकिला, भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर छत्तीसगढ़ में भी शोक की लहर है। उनके गाए गानों की गूंज हर किसी के दिल, दिमाग में गुंजायमान है। सुर साम्रज्ञी को हर कोई अपने-अपने तरह से श्रद्दांजलि दे रहा है। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल व मुख्यमंत्री भी शोक व्यक्त किए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

सीएम बघेल ने कहा है- स्वर कोकिला, ‘भारत रत्न’ आदरणीया लता मंगेशकर जी का निधन बेहद दुःखद और सम्पूर्ण कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और शोकसंतप्त परिवारजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सुश्री लता मंगेशकर जी के गाये मधुर गीत हमेशा लोगों के दिलों में बसे रहेंगे। उनकी आवाज़ ही उनकी पहचान है, जो कभी खो नहीं सकती।

संगीत यूनिवर्सिटी, खैरागढ़ ने दी थी डी-लिट की उपाधि
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुश्री लता मंगेशकर जी ने 30 से ज्यादा भाषाओं में गीत गाए, उनके निधन से भारत ने आज एक रत्न खो दिया है। 9 फरवरी 1980 को इंदिरा कला संगीत यूनिवर्सिटी, खैरागढ़ ने लता मंगेशकर को डी-लिट की उपाधि प्रदान की थी।

राज्यपाल ने स्वर साम्राज्ञी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने भारत रत्न, स्वर साम्राज्ञी सुश्री लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। राज्यपाल ने शोक संदेश में कहा है कि स्वर कोकिला सुश्री लता मंगेशकर के निधन से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके योगदान को भुला पाना मुश्किल है।

हम सबकी प्रिय गायिका, जिनके गीतों को सुनकर, मधुरिम सुरों को महसूस कर हम सबसे अच्छा समय बिताते आ रहे ऐसे अद्वितीय सुरों की महान साधिका लता मंगेशकर जी का 92 वर्ष की आयु में निधन बेहद दुःखद है। उनकी आवाज़ विश्वभर के संगीत प्रेमियों की स्मृतियों में युग-युगांतर यात्रा करेगी। राज्यपाल ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित हुए उनके शोकसंतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।