सीना, भिलाई। स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने रविवार को इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। कोरोना संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती हुई लता मंगेशकर ने आज सुबह अंतिम सांस ली। इनके निधन ने संगीत व कला जगत में शोक की लहर है। वैसे तो लता मंगेशकर ने सभी भाषाओं में गीत गाए। लता मंगेशकर ने एक गाना छत्तीसगढ़ी फिल्म के लिए भी गाया।

छत्तीसगढ़ी गीत “छूट जाई अंगना अटारी” गीत की जब प्लानिंग चल रही थी तक इस प्रोजेक्ट से छत्तीसगढ़ी सिंगर सुनील सोनी में भी जुड़े थे। सुनील सोनी ने अपना संस्मरण बताया। सुनील सोनी ने कहा कि उस लता की सहमति मिलने के बाद पूरा दिन इस गीत को बनाने में लगा। मुंबई के स्वरलता स्टूडियों में इस गीत को रिकार्ड किया गया।

सुनील सोनी ने बताया कि इस बीत की रिकार्डिंग के दौरान पहली बार साक्षात लता मंगेशकर को देखने का सौभाग्य मिला। उस दिन मैंने साक्षात मां सरस्वती के दर्शन किए। जब हमने लता जी से छूट जाई अंगना अटारी के राजी किया तब उनकी उम्र 77 साल की थी। इस उम्र में भी उनकी गायकी में वहीं जादू था जो 60-70 के दशक में हुआ करता था।

करनी पड़ी कड़ी मशक्कत

छत्तीसगढ़ी फिल्म के लिए लता मंगेशकर को गीत गाने के लिए मनाना कड़ी मशक्कत वाला काम था। लता मंगेशकर ने केवल एक छत्तीसगढ़ी गाना गाया। 2005 में आई फिल्म भकला के लिए उन्होंने “छूट जाई अंगना अटारी” गीत गाया। लता मंगेशकर के निधन के बाद छत्तीसगढ़ी फिल्म के लिए गाए इस गाने की चर्चा शुरू हो गई है। इस गीत को गाने के लिए लता मंगेशकर को मनाने की कहानी भी काफी दिलचस्प है।

चार बार मुंबई गए गीतकार मदन शर्मा

देश की 36 से अधिक भाषाओं में हजारों गीत गाने वाली लता मंगेशक ने छत्तीसगढ़ी भाषा में केवल एक गीत गाया। लता मंगेशकर से यह गीत गवाने के लिए गीतकार मदन शर्मा को कई पापड़ बेलने पड़े। वह 2004 से 2005 के बीच चार बार मुंबई गए। तीन बार उनकी मुलाकात ही नहीं हो सके चौथी बार उन्होंने ठान लिया था कि गाना रिकॉर्ड करवा कर ही जाना है। उस दिन मदन शर्मा ने उपवास रखा था। गाना रिकार्ड होने के बाद ही उन्होंने उपवास तोड़ा।

मिठाई के लिए दिए 50 हजार रुपए

इसके बाद उनकी मुलाकात लता मंगेशकर के हो सकी। लता मंगेशकर ने “छूट जाही अंगना अटारी.. छूटही बाबू के पिठइया” गीत छत्तीसगढ़ी भाषा में गाया। इस गीत के लिए संगीत कल्याण सेन ने दिया था। इस गीत के लिए बतौर फीस 2 लाख रुपए लता मंगेशकर को दिए गए। उसमें से भी 50 हजार लता मंगेशकर ने यह कहकर मदन शर्मा को लौटाया कि यह उनका छत्तीसगढ़ी भाषा में पहला जाना है इसलिए सभी को मिठाई खिलाई जाए।

22 फरवरी 2005 को हुआ था रिकॉर्ड

लता मंगेशकर द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा में गाया “छूट जाही अंगना अटारी.. छूटही बाबू के पिठइया” 22 फरवरी 2005 को रिकॉर्ड किया गया था। यह गीत शादी के बाद बेटी की विदाई के वक्त फिल्मांकन के लिए बनाया गया था। इस गीत की रचना मदन शर्मा ने की थी और संगीत कल्याण सेन ने दिया था। छत्तीसगढ़ी फिल्म भकला के लिए गाया गया लता मंगेशकर यह एकमात्र गीत अब इतिहास मे दर्ज हो गया है। छत्तीसगढ़ी फिल्म के लिए गाया गया उनके गीत को छत्तीसगढ़ी संगीत के धरोहर के रूप में सहेजने की मांग भी की गई है।