लखनऊ। लखीमपुर खीरी के तिकुनियां हिंसा कांड के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 10 फरवरी को जमानत दे दी थी, लेकिन अभी उन्हें कुछ दिन और जेल में रहना पड़ सकता है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की रिहाई में पेंच फंसा है। गुरुवार को दिए गए बेल आर्डर में हत्या और साजिश की धाराओं का जिक्र नहीं है। लिहाजा, आशीष की रिहाई के लिए वकील शुक्रवार को फिर कोर्ट पहुंचे हैं।

आशीष मिश्रा की तरफ से हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में ऑर्डर करेक्शन की अर्जी डाल दी गई है। अब इस पर सुनवाई होगी।
बताते चलें कि जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने उसे व्यक्तिगत बंध पत्र और दो जमानत पत्र दाखिल करने पर रिहा करने का गुरुवार को आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि एफआईआर में आरोप है कि आशीष मिश्रा गाड़ी बाईं सीट पर बैठा गोली चला रहा था और उसकी गोली से गुरविंदर सिंह की मौत हुई थी।

हालांकि, मृतकों या घटनास्थल पर मौजूद किसी भी व्यक्ति को गोली नहीं लगी थी। घटना में पांच लोगों की मृत्यु और 13 लोग घायल हुए हैं। कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी भी की है कि कि अगर अभियोजन की पूरी कहानी को स्वीकार किया जाए तो स्पष्ट है कि घटनास्थल पर हजारों प्रदर्शनकारी मौजूद थे। ऐसे में यह भी सम्भव है कि कि ड्राइवर ने बचने के लिए गाड़ी भगाई हो और यह घटना हो गई हो। एसआईटी ने ऐसा एक भी सबूत नहीं जुटाया था, जिससे यह साबित हो सके कि आशीष मिश्रा ने गाड़ी चढाने के लिए उकसाया हो।

साथ ही थार गाड़ी में बैठे तीन लोगों की हत्या को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता। केस डायरी के साथ मौजूद फोटोग्राफ्स से पता चलता है कि ड्राइवर हरिओम मिश्रा, शुभम मिश्रा और श्याम सुंदर की हत्या प्रदर्शकारियों ने कितनी निर्दयता से की है।