रायपुर। कोरबा जिले के बालगृह में रहने वाले 13 वर्षीय बालक की नहर में डूबने की घटना हुई थी। मामले में लापरवाही को लेकर प्रशासन ने बालगृह के अधीक्षक पर कार्रवाई की है। अधीक्षक को हटा दिया गया है। वहीं प्रशासन ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है।

सोशल रियाईवल ग्रुप ऑफ अरबन रूरल एंड ट्राईबल (श्रोत) संस्था के माध्यम से सिंचाई कॉलोनी दर्री में संचालित बालगृह में हुई घटना के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जांच टीम में जिले के अपर कलेक्टर, जिला कार्यक्रम अधिकारी और नगर पुलिस अधीक्षक दर्री को शामिल किया गया है। जांच टीम पूरी घटना की दो दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।

एडीएम कोरबा ने बताया कि जांच में एनजीओ या उसके अधीक्षक की गलती पाई जाती है तो बालगृह के संचालक एनजीओ को अलग करने का निर्णय लिया जाएगा। भविष्य में अन्य बालगृहों में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए भी कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में सभी एनजीओ की बैठक बुलाई गई है।

उल्लेखनीय है कि 13 वर्षीय मृतक बालक महावीर घसिया, पिता स्व. प्रेम लाल घसिया शासकीय माध्यमिक शाला दर्री में कक्षा सातवीं का छात्र था। बाल कल्याण समिति के आदेश से वह एनजीओ द्वारा संचालित दर्री के बालगृह (बालक) में रह रहा था। बालक महावीर विगत 19 फरवरी को सुबह लगभग 7 बजे अन्य बालक विक्की चौहान के साथ साइकिल में शिव नगर नहर की ओर चला गया था। जहां नहर में डूबने से बालक महावीर की मृत्यु हो गई थी।

दर्री में संचालित बालगृह में कुल 28 बच्चे रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। इस बालगृह में ऐसे बच्चों को रखा जाता है जिन्हें उनके माता-पिता पाल नहीं पाते। घटना दो दिन पहले शनिवार की दोपहर हुई थी। जैसे ही पता चला कि बालगृह से दो बच्चे गायब हैं तब प्रशासन सकते में आ गया। दोनों बच्चों की तलाश शुरू की गई। पता चला कि दोनों बच्चे बालगृह से भागकर नहर में नहाने गए हैं। यहां नहाते समय दोनों बच्चे डूबने लगे। पांचवी कक्षा पढ़ने वाला बालक किसी तरह बाहर निकल गया वहीं सातवीं पढ़ने वाला बालक डूब गया।