गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के प्रयाग के नाम से प्रसिद्ध राजिम में माघी पुन्नी मेला 16 फरवरी से आगाज हो रहा है। 01 मार्च महाशिवरात्रि तक चलने वाले इस महाआयोजन के दौरान अलग अलग दिन विभिन्न रंग देखने को मिलेंगे। बुधवार कोत्रिवेणी संगम स्नान के साथ ही राजिम माघी पुन्नी मेले की शुरुआत हो जाएगी। 16 फरवरी को शाम 7 बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत मेले का शुभारंभ करेंगे। समारोह की अध्यक्षता धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू करेंगे।

उल्लेखनीय है कि महानदी के तट पर स्थित राजिम छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध तीर्थ है। इसे छत्तीसगढ़ का ’प्रयाग’ भी कहते हैं। यहां के प्रसिद्ध राजीव लोचन मंदिर में भगवान विष्णु प्रतिष्ठित हैं। प्रतिवर्ष यहां पर माघ पूर्णिमा से लेकर शिवरात्रि तक एक विशाल मेला लगता है। यहां पर महानदी, पैरी नदी तथा सोंढुर नदी का संगम होने के कारण यह स्थान छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहलाता है।

माघी पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक चलने वाले इस मेले में राजीवलोचन मंदिर, श्री कुलेश्वर महादेव, श्री महाप्रभु वल्लभाचार्य जी प्राकट्य स्थल चम्पारण, प्राचीन देवालयों के दर्शन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का श्रद्धालु प्रतिदिन आनंद ले सकते हैं। प्रथम दिन प्रातः 4 बजे से विशेषपर्व स्नान से मेला का आगाज होगा। वहीं मेले में आने वाले लोगों के लिए विशेष तैयारियां की गई है। पहले दिन शुभारंभ के मौके पर विशेष अतिथि के रूप में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव, जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत भी उपस्थित रहेंगे।

मेले के साथ सजे हैं विभिन्न स्टॉल

राजिम माघी पुन्नी मेला में हर वर्ष लाखों दर्शनार्थी पहुंचते हैं। इस बार भी स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। मेले का पहला स्नान बुधवार को होगा। दूसरा स्नान 23 फरवरी को तथा तीसरा स्नान 1 मार्च को महाशिवात्रि के दिन हाेगा। 15 दिन चलने वाले इस मेले में रोजाना छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों द्वारा विभिन्न प्रस्तुतियां दी जाएंगी। सांस्कृतिक व रचनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इसके अलावा मेले में विभिन्न प्रकार के स्टॉल भी सजाए गए हैं जिसका यहां पहुंचने वाले दर्शनार्थी लाभ उठा सकते हैं।