रायपुर। छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों द्वारा इस पत्र के लिए खत्म की गई यूनिफार्म की बाध्यता वाला बवाली आदेश  24 घंटे भी नहीं टिक सका।  सुबह आदेश जारी करने के बाद मचे बवाल के बाद रात को आदेश वापस ले लिया गया। इस संबंध में पत्र जारी छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने इसकी जानकारी दी। एसोसिएशन आदेश को निरस्त करने के पीछे उठे विवाद को कारण बताया है। वहीं एसोसिएशन यह भी कहा कि उन्होंने यह निर्णय पालकों के हित को देखते हुए लिया था।

बता दें छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने सोमवार यूनिफॉर्म की बाध्यता खत्म करने संबंधी आदेश जारी किया। आदेश जारी होने के बाद दिनभर इस पर माहौल गर्म रहा। भाजपा के नेताओं ने इस मामले को हिजाब विवाद के साथ जोड़ दिया। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन दिन भर इस संबंध में सफाई देता रहा। अंत में देर शाम को इस आदेश का निरस्त कर दिया गया।

कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद थमा नहीं है देशभर में इसे लेकर माहौल बना हुआ है। इस बीच छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों के संगठन ने इस सत्र के लिए यूनिफॉर्म की बाध्यता समाप्त की। आदेश जारी होने के बाद इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। भाजपा ने कहा छत्तीसगढ़ में निजी विद्यालयों द्वारा खास वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह का निर्णय लिया गया। बढ़ते विवाद को देखते हुए निजी स्कूलों के संगठन ने इस आदेश को ही वापस ले लिया।

आदेश को निरस्त करते हुए छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने कहा कि स्कूलों का अनुशासन उसके यूनिफार्म से बना होता है। कोरोना के कारण बिगड़े हालात व पालकों की आर्थिक स्थिति के कारण सिर्फ 2 माह के लिए यूनिफॉर्म की बाध्यता को समाप्त किया गया था। इसे लेकर भ्रम का माहौल बन गया है इसलिए इस आदेश को वापस लिया जा रहा है।