cinanews.in

भिलाई। स्‍टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड- सेल के भिलाई सेक्‍टर-9 स्थित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में ठेका श्रमिकों से वसूली का खेल चल रहा है। शोषण के खिलाफ ठेका कामगारों ने इसका विरोध किया तो उन्हें निकाल दिया गया। इससे परेशान होकर श्रमिकों ने आज स़ड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया।

उनका कहना है कि कड़ी मेहनत के बाद भी शोषण से हम पिड़ित हैं। आरोप है कि ठेका एजेंसी पूरा वेतन भुगतान नहीं कर रही है। समय पर 11 हजार से 12000 तक ठेका कामगारों के अकाउंट में डाल दिया जाता है। इसके बाद ठेका कर्मियों से दो से ढाई हजार रुपए वापस ले लिए जाते हैं।

प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों ने बताया कि वसूली की रकम न देने पर ठेका मजदूरों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। इस बात से क्षुब्‍ध होकर ठेका कामगारों ने मंगलवार से आंदोलन शुरू कर दिया। इस दौरान वे ठेका एजेंसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

श्रमिकों ने भिलाई स्टील प्लांट के जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत तक की गई, लेकिन मौके पर कोई भी नहीं पहुंचा। ठेका कामगार स्वच्छता एवं अटेंडेंट का काम करते हैं। 4-5 निजी ठेका श्रमिकों को भिलाई प्रशिक्षु कल्याण समिति द्वारा निकाले जाने पर आक्रोशित होकर अधिकांश ठेका श्रमिक अस्पताल परिसर में कैजुअल्टी के सामने बैठे रहे।

इधर सिमिति के महासचिव मार्कंडेय तिवारी ने कहा निकाले गए सभी को वापस लिए जाने के बाद धरना आंदोलन खत्म हो गया है। वहीं हिंदुस्तान ठेका श्रमिक के महासचिव व इस आंदोलन के नेतृत्वकर्ता योगेश सोनी ने कहा कि आंदोलन जारी है। श्रमिकों को वेतन देने के बाद उनसे दो से ढाई हजार रुपए वापस मांग लिया जाता है। जब तक ऐसी अवैध वसूली नहीं रोकी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

मार्कंडेय तिवारी ने बताया लगभग 260 से 270 श्रमिक यहां कार्यरत हैं, जिन्हें शासन द्वारा निर्धारित दरों पर ही वेतन का भुगतान किया जाता है। ये श्रमिक अस्पताल के आपातकालीन सेवा विभाग के समक्ष उपस्थित होकर धरने पर बैठ गए।

श्रमिक सोमेश नीरज वेणु, राजेंद्र, दीपक ने आरोप लगाया कि समिति के ठेकेदार भीमा यादव मनमानी कर रहे हैं। 15 दिनों पहले भी मामले की जानकारी अस्पताल प्रबंधन को दी गई थी। महिला श्रमिक दीपिका ध्रुव ने बताया कि वह बीफार्मेसी की पढ़ाई कर रही है। यहां काम करते हुए 25 मार्च को आवेदन देकर सुपरवाइजर अजय व हरे कृष्णा तिवारी को जानकारी दी थी, पर परीक्षा के लिए छुट्टी नहीं दी। कहा स्वास्थ्य खराब होने पर ही छुट्टी दी जाएगी। मुझे परीक्षा देनी थी सो मैं छुट्टी पर थी, जब आई तो मुझे बैठा दिया गया। महासचिव योगेश सोनी ने कहा जब तक शोषण बंद नहीं होगा यह आंदोलन जारी रहेगा।