cinanews.in

रायपुर। केंद्र सरकार की योजना में कम आय वर्ग वाले परिवार के बच्चों को बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है। इसके तहत प्रदेश में 22 मार्च से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो रही है।

विभागीय जानकारी अनुसार प्रक्रिया 2 चरणों में पूरी होगी। निजी स्कूलों में निर्धारित सीटों की संख्या विभागीय वेबसाइट (http://eduportel.cg.nic.in/RTE/) पर देखी जा सकती है।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार इससे पहले आवेदन की प्रक्रिया 17 मार्च से शुरू होने वाली थी, लेकिन निजी स्कूलों से सीटों की जानकारी नहीं मिलने की वजह से प्रक्रिया में देरी हुई है। अब निजी स्कूलों से खाली सीटों की मिली जानकारी पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है।

स्कूलों में खाली सीटों की संख्या http://eduportel.cg.nic.in/RTE/ पर देखी जा सकती है। इसके साथ ही पोर्टल पर लॉगिन कर आवेदन जमा किए जा सकते हैं। वहीं किसी प्रकार की परेशानी होने पर हेल्पलाइन नंबर 011-411-32689 पर संपर्क किया जा सकता है।

लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से 7 मार्च को जारी निर्देश के तहत स्कूल की संभावित सीटों के 25 प्रतिशत के हिसाब से आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया होगी, लेकिन आरटीई में प्रवेश लेने वाले छात्रों की गणना, प्रवेश ले चुके छात्रों के हिसाब से करना है। गणना में आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या ज्यादा होगी तो स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी।

संचालनालय के निर्देश से परेशानी
इधर पालकों में असमंजस है। लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देश से स्कूल संचालक परेशान हैं। स्कूल संचालकों का कहना है कि जब अनुमानित सीटों के हिसाब से आरटीई अधिनियम में सीट अलॉट की जा रही है तो आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या गणना अनुमानित सीट के हिसाब से की जाए। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी सीट अलॉटमेंट और गणना अलग-अलग हिसाब से करेंगे तो भविष्य में स्कूल संचालक और विभाग के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न होगी।

इधर छत्तीसगढ़ निजी स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल में स्कूलों में आम प्रवेश नहीं हुए है। केवल आरटीई अधिनियम के तहत पात्र छात्रों को प्रवेश दिया गया है। इन छात्रों की गणना होगी तो औसत से ज्यादा आरटीई अधिनियम के तहत प्रवेश पाने वाले छात्रों की संख्या निकलेगी। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बीते दो साल को कोविड काल घोषित कर राहत देने की मांग की है।