जोधपुर। आत्मनिर्भर भारत ने कमाल दिखाया है। देश के लिए एक और रक्षा कवच तैयार कर लिया है। देसी गन धनुष की खासियत है कि 60 मिनट 60 राउंड फायर में 38 किमी पर जाकर सब कुछ तबाह करने की क्षमता रखता है।

ये 155 एमएम की देसी गन धनुष एक बार में 60 राउंड फायर कर सकती है। साल 2017 में हुए परीक्षण के समय इसका बैरल अधिक गर्म होने और फटने की शिकायत सामने आई थी। इस कारण सेना ने इसे दोबारा तैयार करने के लिए कहा था। अब सफल परीक्षण के बाद इसके सेना में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है।

भारतीय सेना में देसी गन धनुष के शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। भारतीय जमीन पर बनी इस देसी गन धनुष का जैसलमेर के पोकरण में दूसरा सफल परीक्षण किया गया। इससे पहले इसका परीक्षण 2017 में किया गया था, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियां सामने आने के बाद इसे रोक दिया गया था। दूसरे परीक्षण के सफल होने के बाद यह पूरी तरह से सेना के काफिले में शामिल होने के लिए तैयार हो गई है।

देसी गन धनुष की क्षमता की बात करें तो 155 एमएम की यह गन एक बार में 60 राउंड फायर कर सकती है। इसके वार करने की क्षमता 38 किलोमीटर तक है। इस गन को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने निजी कंपनी टाटा पावर और भारत फोर्ज के साथ मिलकर तैयार किया था। साल 2017 में हुए परीक्षण के समय इसका बैरल अधिक गर्म होने और फटने की शिकायत भी सामने आई थी। इस कारण सेना ने धनुष गन को दोबारा से तैयार करने के लिए कहा था।

पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्र में किया परीक्षण
धनुष गन में आईं शिकायतों को लेकर जांच की गई तो सामने आया कि फायर करने वाले गोलों में ही खराबी थी। इससे बैरल फटने की घटना भी हुई थी, इसके बाद सभी कमियां दूर कर नए सिरे से पूरी गन तैयार की गई। पांच हजार गोले रेगिस्तान और पहाड़ी इलाके में दागकर इसका परीक्षण किया गया।

हर चुनौती पर खरा उतरी देसी गन
तीन दिन पहले जैसलमेर की पोकरण रेंज में चार घंटे तक धनुष गन का परीक्षण किया गया। यह परीक्षण दो चरणों में पूरा हुआ। पहले चरण के परीक्षण में 45 राउंड फायर किए गए। इसके तुरंत बाद शुरू हुए दूसरे चरण में 45 राउंड फायरिंग की गई। इस दौरान भारतीय सेना के लिए बनाई गई देसी गन ने हर चुनौती को सफलता से पूरा किया।

एक करोड़ रुपए कीमत
जानकारी के अनुसार भारतीय सेना ने चार साल पहले 118 धनुष गन का ऑर्डर दे दिया था। इसके सफल परीक्षण के बाद 450 देसी गन का ऑर्डर भी जल्द दिया जा सकता है। 12 साल पहले इसकी बनावट का खाका तैयार किया गया था। एक धनुष गन की कीमत 15 करोड़ रुपए है।

जानिए…155 कैलिबर धनुष गन की खासियत
2010 में डिजाइन बना
2015 में निर्माण
14 करोड़ कीमत
12 टन वजन
38 से 47 किमी मारक क्षमता
15 सेकेंड में तीन राउंड फायर
03 मिनट में 15 राउंड फायर
60 मिनट में 60 राउंड फायर

2017 में पहला परीक्षण: इस दौरान बैरल गर्म होने और फटने की शिकायत सामने आई।
2022 में दूसरा परीक्षण: चार घंटे फायर कर पांच हजार गोले दागे। सेना में शामिल होने का रास्ता साफ।
इसे चलाने के लिए छह से आठ जवानों की जरूरत होती है।
इसे अलग-अलग टुकड़ों में बांटकर कहीं भी ले जाया जा सकता है।