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रायपुर। कोर्ट के आदेश पर रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी रायपुर की संपत्ति कुर्क की जाएगी। इसमें कुलपति और कुलसचिव की गाड़ियों से लेकर टेबल-कुर्सियों की बोली लगेगी। ऐसा कर इससे मिली राशि से मुआवजा दिया जाएगा। यह 17 साल पुराना मामला है। पर कोर्ट से अभी राहत की उम्मीद है। आवेदन पेश किया गया है।

छत्तीसगढ़ के पुराने यूनिवर्सिटी में रविशंकर यूनिवर्सिटी के साथ संभवत: यह पहली घटना होगी कि उसकी संपत्ति को कुर्क करने का आदेश हुआ है। यह सब किसानों की जमीन के मुआवजे के मामले में मंगलवार को रविवि की चल संपत्तियों की कुर्की की कार्रवाई की जा रही है। इसे लेकर विवि में डर का माहौल बन गया है। यह मुआवजे का 17 साल पुराना मामला है।

राशि की वसूली के लिए कोर्ट ने यूनिवर्सिटी के कुलपति और कुलसचिव की सरकारी गाड़ी भी जब्त की गई है। वहीं रविवि की एसी, टेबल, कुर्सियों की भी निलामी की जाएगी। जानकारी अनुसार मुआवजे के मामले में आगे भी कुर्की की कार्रवाई की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक यह 31 किसानों के मुआवजे का मामला है।

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रविशंकर यूनिवर्सिटी के कुलपति की गाड़ी जिसे जप्त किया गया है।

इस कार्रवाई को लेकर यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि मुआवले की राशि बहुत बड़ी है। विवि इसे देने में असमर्थ है। बताया गया कि शासन से राशि की मांग की गई थी, पर सहयोग नहीं मिला। उसके बाद मंगलवार को कुर्की की कार्रवाई को लेकर उच्च शिक्षा के अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई। अब वहां से जैसा निर्देश मिलेगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों के अऩुसार कुछ किसानों के मुआवजे को लेकर रविवि में कुर्की की कार्रवाई की गई है। आगे और भी मुआवजा राशि के लिए कुर्की की जानी है। इस बार एसी, फर्नीचर, टेलीफोन, अलमारी यहां तक की कुर्सियां भी जब्त की जा सकती है।

अफसरों के अनुसार कुर्की रोकने को लेकर और तीन गाड़ियों की जो जब्ती हुई है उसे मुक्त करने के लिए न्यायालय से निवेदन किया गया है। इसके लिए गुरुवार को आवेदन दिया गया है। इधर कुलपति और कुलसचिव पहली बार ऐसा हुआ है कि वे निजी वाहन से यूनिवर्सिटी पहुंचे। उनकी सरकारी गाड़ियां मंगलवार को जप्त कर ली गई।

यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के अनुसार 2004-05 में किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। किसानों को जमीन का मुआवजा दिया गया था। कुछ वर्षों बाद 31 किसान जमीन का मुआवजा कम मिलने को लेकर कोर्ट चले गए। 2017 में कोर्ट से यह निर्णय दिया कि किसानों को और मुआवजा दिया जाए। पर इसमें राज्य शासन से सहयोग नहीं मिला।

रविवि के कुलसचिव डॉ. गिरीशकांत पांडेय ने मामले में कहा पूरे मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है। इस मामले में उनका जो निर्देश होगा उनके अनुसार काम किया जाएगा। इसी तरह कुर्की रोकने और तीन गाड़ियों को जप्ती से मुक्त करने के संबंध में गुरुवार को जिला न्यायालय के समक्ष आवेदन पेश किया गया है।