रायपुर। अक्षय तृतिया का त्योहार छत्तीसगढ़ में आज माटीपूजन दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अलग की अंदाज देखने को मिला। पारंपरिक धोती कुर्ता पहनकर सीएम भूपेश बघेल इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने ट्रेक्टर पर सवार हो जमीन को जोता और अभियांत्रिकी महाविद्यालय परिसर में बनी बाड़ी में लौकी, कुम्हड़ा और तरोई के बीजों  का रोपण किया।

बता दें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अक्षय तृतिया पर्व को माटी पूजन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इस मौके पर आज इंदिरागांधी कृषि विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 6.23 करोड़ रूपये की लागत से तैयार किए गए कृषि अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के नवीन भवन और जैविक दूध उत्पादन हेतु डेयरी का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिए डॉप्लर तकनीक का शिलान्यास व कृषि विश्वविद्यालय की ओर से विकसित किए गए कृषि रोज़गार मोबाइल एप्लिकेशन का लोकार्पण किया।

 

बीज रोपे और कुंए का पूजन किया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अक्ती तिहार और माटी पूजन दिवस के मौक़े पर समारोह में मौजूद लोगों को धरती माता की रक्षा की शपथ दिलाई। इस दौरान उनके साथ कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंदेल, आयुक्त  उत्पादन कृषि विभाग कमलप्रीत सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के नवीन भवन और जैविक दूध उत्पादन हेतु डेयरी का लोकार्पण

सीएम बघेल ने की कुएं की पूजा
मुख्यमंत्री बघेल ने परिसर में बनाए गए लघु वाटिका में कुएं का पूजन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि खेती किसानी में पानी का विशेष महत्व होता है। हमारी माटी, जिसे हम माता भुइयां कहते हैं, उसकी रक्षा करेंगे। हम अपने खेत, घरों, और बगीचों में जैविक खाद का उपयोग करेंगे। हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे मिट्टी, जल और पर्यावरण की सेहत ख़राब हो। सीएम बघेल ने कहा कि हम भूमि में रासायनिक और नुकसानदेह केमिकल का प्रयोग नहीं करेंगे।

सीएम बघेल ने कहा कि समय खेती के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल समय होता है। कीड़े और बाकी जीवन जिसने फसलों को हानि हो सकती है, मर जाते हैं। खेत की जमीन को किसान बड़ी मेहनत से बनाते हैं। कृषि की जमीन का ध्यान किसान अपने बच्चे की तरह रखता है, वैसे ही जैसे पैदा होने के बाद बच्चे का ध्यान रखा जाता है। यदि हम धरती माता की सेवा करेंगे तो धरती माता भी हमारा ध्यान रखेंगी।

सीएम बघेल ने कहा कि यदि हम धरती माता की सेवा करेंगे तो धरती माता भी हमारा ध्यान रखेंगी। हमने 68 लाख क्विंटल गोबर हमने खरीदा, अब हम गौमूत्र भी खरीदेंगे।, जैविक खेती प्रकृति, धरती माता और पशुधन की सेवा है, जो मानव समाज को भी सुरक्षित रखेगी। आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से चिंतित है, मैं पूरी दुनिया से कहना चाहता हूं कि हमने इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है।

इस मौके पर सीएम बघेल ने मौक़े पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत सरायपाली के किसान चमार सिंह पटेल ने हल्दी की माला और कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गजेन्द्र चंद्राकर ने मखाना की माला पहनाकर किया।