BHILAI. माइलस्टोन अकादमी में जिस तरह से बच्चों के व्यक्तित्व विकास और कलाओं को प्रतियोगिताओं के माध्यम से निखारने का काम किया जाता है, बच्चों को भी इसका इंतजार रहता है। सबसे ज्यादा बेसब्री तो मंगलवार का होता है, क्योंकि इस दिन डायरेक्टर मैडम उन्हें प्यारी—प्यारी कहानियां जो सुनाती हैं और फिर इनसे सीख भी मिलती है। इस बार बच्चों ने पत्तख की कहानी सुनी और इसके जरिए तरह—तरह के पक्षियों व जीवों की खासियतों से रूबरू हुए। साथ ही एक नन्हें बच्चे से कहानी सुनवाकर उसकी झिझक भी मिटाई।

वर्चुअल प्लेटफार्म में हुए इस कार्यक्रम के लिए बच्चों ने पहले से ही मोबाइल या लैपटाप खोलकर तैयार रखा था। फिर जैसे ही डायरेक्टर मैडम डॉ. श्रीमती ममता शुक्ला की स्टोरी का समय हुआ सभी स्क्रीन के सामने उत्सुकता से बैठ गए। इस कार्यक्रम की शुरुआत एक बहुत ही सुंदर कविता के माध्यम से हुई। इसमें मैं-तुम को मिलाकर हम में पूरा किया गया। जैसे आई कैन डू इट, यू कैन डू ईट मतलब ये हुआ कि वी कैन डू इट। इस कविता के शब्दों में बहुत ही ज्ञान छुपा हुआ था।

इसके बाद बारी मैडम की कहानी की थी। इसमें उन्होंने इस बार बत्तख की स्टोरी सुनाई। इसमें बत्तख के पांच बच्चे होते हैं और वो अपनी मां के साथ घूमने जाते हैं। एक बच्चा गुम जाता है और फिर वह अपनी मम्मी को ढूंढने जाता है। तब वह कई पक्षियों से मिलता है। उनमें कौआ, मोर, हंस आदि मिलते हैं। मैडम ने स्टोरी के माध्यम से बच्चों को बत्तख कैसे चलती है, कैसे बोलती है और जो पक्षी मिले उन सबकी आवाज और रंग के बारे में बताया। कहने का तात्पर्य ये कि मैडम ने स्टोरी सुनाकर बच्चों का मन खुश कर दिया और साथ ही उनके रहने, खाने और बोलने के बारे में भी समझा दिया।

सबके सामने बोलने की मिली सीख
इस बार मैडम ने एक बच्चे द्वारा भी एक स्टोरी सुनवाई। इसके माध्यम से मैडम ने बच्चों को सबके सामने बोलना सिखाया। इससे बच्चों के अंदर का डर दूर हुआ और बच्चे सबके सामने अपनी बात को बोलना सीखा। यह निरंतर जारी रहेगा और प्रत्येक बच्चे को ये अवसर मिलेगा। यह जानकर पेरेंट्स भी बेहद खुश हुए। इसके बाद बच्चों ने प्लेट और गुब्बारे से गेम खेला और डांस भी किया। वहीं आने वाले मंगलवार को मिलने के लिए कहकर स्टोरी के इस सेशन का समापन किया गया।