नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में अतिरिक्त अवसर देने के संबंध में सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होने के लिए अतिरिक्त मौके देने के संबंध में फैसला कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) करेगा।
जस्टिस एएम खानविलकर और एएस ओका की बेंच तीन उम्मीदवारों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

इन उम्मीदवारों ने यूपीएससी 2021 की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन COVID-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्रों में उपस्थित नहीं हो सके। ये उम्मीदवार अब यूपीएससी की परीक्षाओं में बैठने के लिए सरकार से एक अतिरिक्त मौका की मांग कर रहे हैं।

केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को बताया कि यूपीएससी की ओर से पेश वकील ने कहा है कि वह इस मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे। भाटी की ओर से कहा गया कि वास्तव में जल्दबाजी नहीं है क्योंकि परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है। केवल एक ही मुद्दा बचा है एक अतिरिक्त मौका दिया जाना है। इसके बाद पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर 25 मार्च को सुनवाई करेगी।

मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने यह भी कहा कि यूपीएससी को यह बताना है कि मौका दिया जा सकता है या नहीं। ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि डीओपीटी को इस पर फैसला लेना होगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि पिछली बार यह बताया गया था कि यह एक जटिल मुद्दा है और इस पर निर्देश लेने की जरूरत है। पिछली बार कोर्ट ने यूपीएससी को मौका दिया था लेकिन इस मामले में अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है।