CINA DESK। “12 साल के लगातार एक्सीलरेशन के बाद, मेरे लिए ब्रेक लगाने का समय आ गया है।” फॉक्सवैगन कंपनी ने पोलो का उत्पादन बंद करने के लिए यह आधारिकारिक बयान जारी किया है। मगर, यह कंपनी का कम कार का बयान ज्यादा लग रहा है। अगर कार बोल सकती, अपनी भावनाएं शेयर कर सकती, तो वह शायद यही कहती। दरअसल, भारतीय बाजार में सिर्फ एक छोटी हैचबैक नहीं है, बल्कि उन लाखों लोगों के लिए एक भावना है, जिन्होंने इसे खरीदा है। यहां तक ​​कि इस गाड़ी के कई रिपीट कस्टमर भी हैं. हालांकि, भारतीय बाजार में अब फॉक्सवैगन पोलो की बिक्री नहीं होगी।

फॉक्सवैगन की ओर से जारी किया गया पत्र।

कंपनी द्वारा साझा किए गए एक पत्र में पोलो ने इंजीनियरों, डीलरशिप, सेवा दल और आम जनता सहित कई लोगों को धन्यवाद दिया है, जिन्होंने भारत में प्रीमियम हैच के विकास में योगदान दिया है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि कार ने पहली बार 2009 में पुणे में वोक्सवैगन के चाकन संयंत्र में अपने हेडलैम्प्स को झपकाया था। इसके बाद इसने 2010 ऑटो एक्सपो में अपनी आधिकारिक शुरुआत की और तब से बारह वर्षों से बिक्री पर है।

पोलो को भारत में फॉक्सवैगन के सबसे अधिक बिकने वाले मॉडलों में से एक है। जिसकी लॉन्चिंग के बाद से तीन लाख से अधिक इकाइयां बिकीं हैं। दिल्ली में कार की मौजूदा एक्स-शोरूम कीमत करीब 7.02 लाख रुपए है। जानकारी के लिए बता दें कि पोलो को सबसे पहले साल 2010 में लॉन्च किया गया था, जिसके बाद इस गाड़ी ने जल्द ही भारतीय बाजार में अच्छी पकड़ बना ली।

4-स्टार सुरक्षा रेटिंग
भारत में पोलो हैचबैक 2009 में उत्पादन शुरू होने और 2010 में लॉन्च होने के 12 साल बाद मना रहा है। पोलो पुणे में चाकन संयंत्र में वोक्सवैगन का पहला स्थानीय रूप से निर्मित मॉडल था। तब से, पोलो को भारत में 3 लाख से अधिक ग्राहक मिल गए हैं। वोक्सवैगन पोलो अपने सेगमेंट में पहली मेड-इन-इंडिया हैचबैक में से एक थी जिसे मानक के रूप में दोहरे एयरबैग मिले। इसे 2014 में 4-स्टार ग्लोबल एनसीएपी सुरक्षा रेटिंग के साथ इस समय उपलब्ध सबसे सुरक्षित हैचबैक में से एक माना जाता है।

सिर्फ 700 यूनिट बनेंगी
फॉक्सवैगन पोलो लीजेंड एडिशन को हैचबैक के जीटी टीएसआई वेरिएंट में उपलब्ध कराएगी। कंपनी इस स्पेशल लिमिटेड एडिशन की सिर्फ 700 यूनिट ही बनाएगी। कंपनी ने फॉक्सवैगन पोलो लीजेंड एडिशन की एक्स-शोरूम कीमत 10.25 लाख रुपए तय की है।