भिलाई। महिलाओं की संस्था स्वयंसिद्धा भिलाई शहर से शुरू होकर अब रायपुर सहित अन्य शहरों तक पहुंच गया है। इस संस्था ने अपने सामाजिक कार्यों से अलग ही पहचान बनाई है। सोमवार को स्वयंसिद्धा के रायपुर यूनिट ने अपना स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर गीत संगीत के कार्यक्रम के साथ ही बच्चों के नृत्य ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ा दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कावयित्री  डॉ मंजुला श्रीवास्तव उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम की शुरुआत गुरु वंदना से की गई। इस मौके पर स्वयंसिद्धा रायपुर इकाई प्रमुख शीलू लुनिया ने कहा कि रायपुर की अधिक से अधिक गृहणियों को स्वयंसिद्धा में जोड़ना है। इस संस्था से जुड़कर गृहणियों को अपनी प्रतिभा को मंच देने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि स्वयंसिद्धा की रायपुर ईकाई द्वारा जल्द ही एक बड़े कार्यक्रम की योजना बनाई जा रही है।

स्थापना दिवस के मौके पर विभिन्न कार्यक्रम हुए। एक ओर जहां गीत संगीत का दौर चला तो दूसरी ओर बच्चों ने नृत्य में भी अपना कौशल दिखाया। प्रीति केसकर एवं अर्पणा शर्मा ने अपने गीतों से सबको मंत्रमुग्ध किया। इस मौके पर कथक गुरु पूजा शुक्ला की छात्राओं लुनिया,अक्षिता दुबे और ओजल नाथ ने अपने नृत्य द्वारा कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। इस मौके पर डॉ मंजुला श्रीवास्तव ने हिंदी पर लिखी गई अपनी कविताओं का पठन किया।

कार्यक्रम के दौरान सभी ने हिंदी में कार्य संस्कृति को बढ़ाने का संकल्प लिया। स्वयंसिद्धा की संस्थापक एवं डायरेक्टर डॉ सोनाली चक्रवर्ती ने बताया कि स्वयंसिद्धा की रायपुर, मुंगेली,जबलपुर,जगदलपुर व रायगढ़ ईकाई में गठित हो चुकी है। भिलाई के सूर्य नगर स्थित बस्ती में हुई आगजनी पीड़ितों को रायपुर इकाई की बहनों ने दिल खोलकर अपना सहयोग दिया था।

डॉ सोनाली ने बताया कि स्वयंसिद्धा की रायपुर इकाई बेहतर कार्य कर रही है। कार्यक्रम में कार्यक्रम में पूजा शुक्ला, सुमन ओझा,अनीता लुनिया, नीता जैन, अर्पणा शर्मा, नीता ओझा, शीतल नायडू,आरती नाग सहित बड़ी संख्या में संस्था के सदस्य उपस्थित रहे।