इंदौर। वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 30 अप्रैल शनिवार को है। शनिचरी अमावस्या की शुरुआत 30 अप्रैल को रात 12:57 मिनट से होगी, जो अगली रात 1:57 मिनट तक रहेगी। इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि शनिश्चरी अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण भी है, लेकिन स्नान और दान पर सूर्य ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

बताते चलें कि जब शनिवार के दिन अमावस्या होती है, तो उसे शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं, जिसका विशेष महत्व बताया गया है। मान और ऐसा माना जाता है कि शनिचरी अमावस्या के दिन नदियों में स्नान करके दान करना अति लाभकारी और पुण्यदायक होता है।

सुख-समृद्धि और पितरों की मिलती है कृपा
आचार्य गिरीश व्यास ने बताया कि इस दिन शनिदेव की विधि विधान से पूजा अर्चना करने पर शनि की महादशा के कुप्रभाव से भी बचा जा सकता है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करके आप शनि देव को प्रसन्न करने के साथ ही पितरों का भी आशीष प्राप्त कर सकते हैं। उनकी प्रसन्नता से मान सम्मान, सुख-समृद्धि, धन-वैभव आदि की प्राप्ति होती है।

शनि से पीड़ित है, तो करें ये उपाय
– ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिचरी अमावस्या के दिन स्नान और दान करने से अति लाभदायी फल प्राप्त होता है और धन की वृद्धि होती है।
– शनिश्चरी अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और वे मान सम्मान व धन वैभव की प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं।
– पितृ दोष से मुक्ति के लिए आप शनिचरी अमावस्या के दिन साबुत चावल और दूध की खीर बनाएं। इसके बाद इस गोबर के जलते हुए कंड़े पर पितरों के निमित्त खीर का भोग लगाएं। इसे सभी मनोकामना पूर्ण होती है।
– पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शनिश्चरी अमावस्या के दिन स्नान के बाद गरीब और जरूरत मंद लोगों को दान देना उत्तम फलदायी होता है। साढ़े साती, ढैय्या से परेशानी में यह विशेष लाभ देता है।