-संदीप सिंह ठाकुर
अगले साल के शुरुआती महीनों में होने जा रहे उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ खास भूमिका में नजर आ रहा है। न सिर्फ छत्तीसगढ़ के नेता कांग्रेस के लिए मोर्चे पर हैं। बल्कि यहां की योजनाओं की उत्तर प्रदेश में चर्चा हो रही है। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए पार्टी का वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। मुख्यमंत्री के एक सलाहकार पहले से ही यूपी चुनाव में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस तरह छत्तीसगढ़ के नेता उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की चुनावी मुहिम को धार देने का प्रयास तो कर ही रहे हैं, छत्तीसगढ़ की प्रमुख योजनाएं भी उत्तर प्रदेश के चुनाव में छाने वाली हैं ।

छत्तीसगढ़ की सफल योजनाएं उत्तर प्रदेश के चुनाव में नजीर के तौर पर पेश की जा रही हैं । जैसे किसानों के कर्ज की माफी। इस योजना के तहत छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों के अल्पकालीन ऋण सरकार ने सत्ता में आते ही माफ कर दिया था। इसके तहत 16 लाख 65 हजार किसानों के 6 हजार 230 करोड़ रुपए माफ किए गए हैं। दूसरा प्रमुख वादा बोनस के साथ ढाई हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का था। इस वादे पर भी सरकार बड़ी ईमानदारी से अमल कर रही है। बोनस पर केंद्र द्वारा अड़ंगा लगाने के बाद राज्य सरकार ने भूमि की जोत के आधार पर प्रोत्साहन राशि देकर तोड़ निकाला है और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत यह राशि किसानों के खातों में सीधे जा रही है।

इसके अलावा इन दिनों छत्तीसगढ़ सरकार की गाय का गोबर खरीदने की योजना की पूरे देश में चर्चा है। इस योजना के तहत सरकार सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का गोबर गांव वालों से खरीद चुकी है। 120 करोड़ से अधिक की गोबर से बनी खाद की बिक्री गोठानों से हो चुकी है। अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस योजना को अमल में लाने जा रही है। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार भी गोबर खरीदने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश के चुनाव में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की इन सफल योजनाओं की न सिर्फ ब्रांडिंग हो रही है। बल्कि कांग्रेस सत्ता में आने पर वहां भी इन योजनाओं को लागू करने वादा कर रही है।

वैसे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस चौथे स्थान पर है। पिछले विधानसभा चुनाव में उसे महज सात सीट मिली थीं। वोट प्रतिशत की बात करें तो पांच फीसद वोट कांग्रेस को मिले थे। इस बार कांग्रेस उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में लड़ने जा रही है। प्रियंका की टीम भी तैयार है और जोर-शोर से चुनावी मुहिम भी चल रही है। कांग्रेस का दावा है कि वह ही भाजपा को चुनौती दे रही है। खुद प्रियंका गांधी कह रही हैं कि भाजपा को कोई हरा सकता है तो वह कांग्रेस ही है। सपा और बसपा ने तो हथियार डाल दिए हैं। बहरहाल यात्राओं और सम्मेलनों का दौर जारी है और जारी है समीकरण साधने की कोशिशें।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और 30 साल की पत्रकारिता में दैनिक भास्कर, हरिभूमि और नईदुनिया में संपादक रहे हैं।)

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