सूरजपुर। छत्तीसगढ़ में भले ही शराबबंदी नहीं हुई लेकिन यहां के एक गांव में जरूर शराबबंदी कर दी गई है। सूरजपुर जिले के एक गांव में पंचायत द्वारा गांववालों की बैठक बुलाकर फरमार सुनाया। यही नहीं पंचायत ने शराब बनाने, बेचने पर सेवन करने पूर्ण पांबंदी लगा दी है। आखिर गांव में पंचायत को यह फैसला क्यों करना पड़ा इसी वजह भी चौंकाने वाली है।

शराबबंदी का यह पूरा किस्सा सूरजपुर जिले के जयनगर थाना क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत कुंजनगर का है। यहां पर ग्राम देवता को खुश करने के नाम यह पाबंदी लगाई गई है। गांव में अफवाह फैली हुई है कि शराब के कारण ग्राम देवता नाराज हैं। गांव के पुजारी ने गांव में पूर्ण शराबबंदी लागू करने करने का सुझाव दिया। इसके बाद पंचायत ने बैठक बुलाई और गांव वालों से चर्चा करने के बाद फरमान जारी कर दिया।

ग्राम देवता हैं नाराज

गांव के लोगों का मानना है कि ग्राम देवता नाराज  हैं और उन्हें खुश करने के लिए शराब बंदी करना अनिवार्य है। ग्राम पंचायत ने बैठक बुलाई और गांववालों से चर्चा की। बताया जा रहा है कि बैठक में गांव के पुजारी ने ग्राम देवता की नाराजगी की बात बताई और पूजा अर्चना शुरू कर दी गई है। पंचायत ने अपने फरमान में कहा है कि गांव में शराब, बनाना, बेचना व सेवन का प्रतिबंधित रहेगा।

पांच हजार का जुर्माना
बताया जा रहा है कि गांव वालों ने शराब सेवन करने वाले व शराब बेचते पकड़े जाने पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लागू किया है। गांव में शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए पंचायत ने कमर कस ली है और इसके खिलाफ लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है। पंचायत के फरमान के बाद गांव के मंदिरों में ग्राम देवता को खुश करने के लिए पूजा अर्चना भी शुरू कर दी गई है।

देवी नवरात्रि को देखते हुए लिया गया निर्णय
कुजनगर गांव के सरपंज मनोज सिंह ने बताया कि गांव में देवी नवरात्रि का उत्सव चल रहा है। इस दौरान शराब पीकर मंदिर में घुस जाते हैं। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। गांव वालों के साथ बैठकर यह निर्णय लिया गया। फिलहाल नवरात्रि तक के लिए यह निर्णय लिया गया था। पंचायत के इस निर्णय के बाद गांव में शांति है। नवरात्रि के बाद फिर से बैठक होगी और इस पर चर्चा की जाएगी।