सीआईएनए, इंदौर। सूर्य देव जब रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो प्रचंड गर्मी पड़ती है। इसे नौपता के रूप में जाना जाता है, जब सूर्य की सीधी किरणें धरती को गर्म करती हैं। इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि वैसे तो सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 14 दिनों तक रहते है, लेकिन नौतपा 9 दिनों का ही होता है। इस दौरान गर्मी अपने शीर्ष पर होती है।

इस बार 25 मई से नौतपा शुरू होकर 2 जून तक चलेंगे। ऐसे में 25 मई से 2 जून तक नौतपा के प्रभाव से ज्योतिषियों को मौसम काफी चुनौतीपूर्ण रहने की उम्मीद है। हालांकि, मौसम विज्ञानियों का मानना ​​है कि प्री-मानसून गतिविधि का दौर शुरू हो गया है, ऐसे में नौतपा के दौरान गर्मी का असर ज्यादा नहीं दिखेगा।

नौतपा में बारिश होना ठीक नहीं
ऐसा माना जाता है कि नौतपा के दौरान बारिश नहीं होनी चाहिए, जिसे मौसम की दृष्टि से अशुभ माना जाता है। ज्योतिष में इसे रोहिणी का गलना कहा जाता है, जिसका असर बारिश में कमी के रूप में देखने को मिलता है। दरअसल नौतपा के दौरान समुद्री क्षेत्रों में वाष्पीकरण की प्रक्रिया तेज हो जाती है, ऐसे में बारिश के कारण यह प्रक्रिया रुक जाती है और फिर बरसात के मौसम में पर्याप्त बारिश नहीं होती है। इससे जल संकट पैदा हो जाता है।

नौतपा के दौरान बरतें ये सावधानियां
नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं, जिससे तेज गर्मी पड़ती है। इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, नहीं तो सेहत बिगड़ने में देर नहीं लगती। तो नौतपा के दौरान बरतें ये सावधानियां-

  • नौतपा के दौरान बिना खाए-पिए घर से बाहर न निकलें।
  • सूती कपड़े से शरीर को ढंक कर घर से बाहर निकलें।
  • इस दौरान सिर, कान ढकें और धूप का चश्मा भी पहनें।
  • खूब पानी पिएं। रसीले फल, सलाद, आम का सेवन करें।
  • लू लगने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • जरूरतमंदों को सत्तू, पानी से भरा घड़ा, पंखा, छाता, फल, जूते आदि का दान करें।