सीआईएनए डेस्क। पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की तरफ लोगों का रुझान हुआ है। मगर, बीते दिनों इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाएं सामने आने के बाद कई तरह के भ्रम और भय का माहौल भी बना दिया है। चार्जिंग के दौरान आग लगने या चलते-चलते आग लगने से लोगों की जान पर बन आई है।

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कहीं गर्मी की वजह से तो ये हादसे नहीं हो रहे हैं। सवाल यह भी है कि क्या लीथियम-आयरन बैट्री में कोई फॉल्ट है। इन परिस्थितियों को देखते हुए हम आपको आज आपके सवालों के जवाब दे रहे हैं…

गर्मी की वजह से समस्या
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बीते दिनों कहा था कि मार्च-अप्रैल-मई में तापमान बढ़ जाता है और इलेक्ट्रिक विहिकल की बैट्री में कुछ दिक्कत होती है। मुझे लगता है कि यह बिजली के दोपहिया वाहनों में आग लगने की बड़ा कारण है। बाहर का तापमान इन दिनों अपने चरम पर है, जो इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने का मुख्य कारण हो सकता है। अत्यधिक तापमान के कारण बैट्री अधिक गर्म हो जाती है, जिससे आग लगने की घटनाएं होती हैं। इसके अलावा वाहनों में आग लगने का कारण बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम, ओवरचार्जिंग, गलत चार्जर का इस्तेमाल आदि भी हो सकता है। बैट्री में आग आमतौर पर ओवरचार्जिंग या शॉर्ट सर्किट के कारण होती है।

लीथियम-आयरन बैट्री का खराब रख-रखाव भी जिम्मेदार
लिथियम-आयन बैट्री बढ़ते तापमान और ईवी बैट्री में खराब थर्मल प्रबंधन की वजह से आग लगने की घटनाएं हो रही हैं। दरअसल, लिथियम-आयन बैटरियों में इलेक्ट्रोलाइट्स और यहां तक ​​कि लिथियम धातु होती है, जो अत्यधिक ज्वलनशील होती है। अगर वे सही मापदंडों और तापमान पर संचालित नहीं होते हैं तो इससे आग लग सकती है।

ओवरचार्जिंग या शॉर्ट सर्किट से आग लगती है?
ऑफ-रोडिंग, उबड़-खाबड़ सड़कों, खराब ड्राइविंग, अत्यधिक तापमान के संपर्क में आने, जलभराव जैसी व्यावहारिक स्थितियों में लिथियम-आयन बैट्री का उपयोग करने के लिए, बैट्री निर्माताओं को बहु-मौसमी मॉडल के लिए लिथियम-आयन मॉडल के संचालन की सुरक्षा पर विचार करना आवश्यक है।