रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को लोकवाणी की 28वीं कड़ी नवा छत्तीसगढ़, नवा बजट विषय पर केन्द्रित रही। इस मौक पर सीएम बघेल ने कहा कि हमारा नया बजट, नए छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा तय करने वाला है। प्रदेश की खुशहाली में जनभागीदारी की सर्वाधिक भूमिका रहे, प्रदेश की समृद्धि में प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी की भागीदारी रहे, यह हम सुनिश्चित करेंगे।

सीएम बघेल ने कहा कि कोरोना संकट, जीएसटी और केन्द्रीय करों के हिस्से में कमी के बावजूद राजस्व आधिक्य का बजट प्रस्तुत किया गया है। राज्य का ऋण भार और वित्तीय घाटा लगातार कम हो रहा है तथा पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद अब तक का सबसे बड़ा बजट राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया है। राज्य के बजट का आकार एक लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रुपए है।

इस मौके पर सीएम बघेल ने श्रोताओं के सवालों का जवाब भी दिया। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ की मजबूत आर्थिक स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ का बजट 1 लाख करोड़ के ऊपर पहुंचना, प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी के लिए गौरव का विषय है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के राज्य सरकार के बजट में हमने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या के अनुपात में बजट प्रावधान किया है।

कृषि क्षेत्र को लेकर हमारी प्राथमिकता बहुत ही मुखर है। वर्ष 2022-23 में कृषि बजट के लिए 20 हजार 405 करोड़ रुपए की राशि रखी है। हम अपने संसाधनों के सम्मान, वेल्यू-एडीशन, अपनी मेहनतकश जनता की लगन और मेहनत को सही मान और राज्य के उत्पादन को सही दाम दिलाते हुए आगे बढ़ेंगे। हमारी इसी रणनीति के कारण छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति को सहारा मिला।

मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में कहा कि एक जमाना था जब दिल्ली की यूपीए सरकार द्वारा प्रदेश को केन्द्र से अधिक राशि दी जाती थी, लेकिन तब भी हमारे प्रदेश में आधिक्य का बजट नहीं बना था। अब की स्थिति में तो हमारे बजट में राज्य और केन्द्र की राशि लगभग बराबर है। इसके अलावा जीएसटी से संबंधित समस्या और भी अधिक गहरा रही है। इसके बावजूद हमने अपने राज्य की कुशलता के आधार पर आधिक्य का बजट बनाया है।

बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 प्रतिशत का प्रावधान
लोकवाणी में कबीरधाम जिले के रणवीरपुर की आम्रपाली सहारे के  बजट की प्राथमिकता के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश में अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 45 प्रतिशत है। हमारे बजट के कुल प्रावधान में 33 प्रतिशत राशि अनुसूचित जनजाति के लिए और 12 प्रतिशत राशि अनुसूचित जाति के लिए है। हमने 40 प्रतिशत प्रावधान सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र के लिए रखा है।

42 हजार 528 करोड़ रुपए का कर्ज बढ़ा
राजनांदगांव मोहला के संजय जैन ने राज्य की ऋण स्थिति के संबंध में पूछा। मुख्यमंत्री बघेल ने सवाल जवाब देते हुए कहा कि 17 दिसम्बर 2018 की स्थिति में हमें 41 हजार 695 करोड़ का ऋण भार विरासत में मिला था। हमारी सरकार बनने के बाद 42 हजार 528 करोड़ रुपए का कर्ज बढ़ा है। इसके पीछे एक बड़ा कारण भारत सरकार से जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिलना है।

सीएम बघेल ने कहा कहा कि यदि हमें जीएसटी की राशि मिल जाती तो ऋण नहीं लेना पड़ता। इसमें वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में भारत सरकार से प्राप्त जीएसटी ऋण 8 हजार 74 करोड़ तथा विशेष केन्द्रीय सहायता ऋण 568 करोड़ सहित कुल 8 हजार 642 करोड़ शामिल है। इसे कम करने पर सरकार द्वारा लिया गया शुद्ध ऋण केवल 33 हजार 886 करोड़ है।

विगत 3 वर्षों में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से की राशि में 13 हजार 89 करोड़ की कमी तथा कोविड-19 आपदा के कारण राज्य के राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं भी एक बड़ा कारण है, जिससे हमें यह ऋण लेना पड़ा। हमने वर्ष 2021-22 में 8 हजार 71 करोड़ का शुद्ध ऋण लिया। वर्ष 2022-23 के बजट में इसे और भी कम करते हुए शुद्ध ऋण 7 हजार 100 करोड़ किया गया है।

राज्य सरकार अपने वादे से पीछे हटने वाली नहीं
मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने एक सवाल के जवाब में बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के लिए हमने इस बार भी 6 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। इसका मतलब यह है कि योजना चालू रहेगी। विगत दो वर्षों में इस योजना के माध्यम से 11 हजार 180 करोड़ रुपए की राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि आप विश्वास रखिए कि हम किसी भी हालत में अपने वायदे से पीछे हटने वाले नहीं हैं और जो काम शुरू किए हैं, उन्हें आगे भी जारी रखेगें।

समाज के हर वर्ग के आर्थिक स्वावलंबन का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के हर वर्ग को आर्थिक स्वावलंबन की ओर बढ़ाना हमारा कर्त्तव्य है। हमने बजट में यह घोषणा की है कि पीएससी तथा व्यापम अब अपने परीक्षार्थियों से परीक्षा शुल्क नहीं लेगा। बजट के बाद भी एक नई घोषणा करते हुए हमने विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से होने वाली परीक्षाओं में भी परीक्षा शुल्क माफ कर दिया है। इस तरह हम युवाओं की मदद के लिए एक कदम और आगे बढ़े हैं।

बस्तर संभाग में 30 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि नारंगी
मुख्यमंत्री  बघेल ने युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि बस्तर संभाग के जिलों में नारंगी वन क्षेत्र में से 30 हजार 439 हेक्टेयर भूमि राजस्व मद में वापस दर्ज की गई है। इससेे वहां के निवासियों को कृषि एवं व्यवसाय हेतु पट्टे दिए जा सकेंगे। नए उद्योगों की स्थापना की जा सकेगी। सरकारी भवनों के निर्माण, सड़क एवं रेलमार्ग का विकास तथा अन्य कार्यों के लिए भी सरलता से भूमि मिल सकेगी। मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरुआत की जाएगी।

नए जिलों में 1100 पदों की स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक नौकरी का सवाल है, नए जिलों के लिए 1 हजार 100 पद, नई तहसीलों और अनुविभागों के लिए 161 पद, नई पुलिस चौकियों तथा थानों के लिए 350 पद, बिलासपुर तथा जगदलपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए 114 पद स्वीकृत किए गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 2 वर्षों में 2 हजार 409 पदों पर भर्ती की जा चुकी है और 195 नए पद सृजित किए गए हैं। जरूरत अनुसार इसे बढ़ाया भी जाएगा।

मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 150 करोड़ का बजट प्रावधान
सीएम बघेल ने बताया कि मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 150 करोड़ का बजट प्रावधान किया है। ताकि स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी जैसे सरकारी भवनों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा सके। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा लोक निर्माण विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से करोड़ों रुपए लागत की सड़कें बनाई जाएंगी। नक्सल प्रभावित अंचलों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।

दूरस्थ आदिवासी अंचल जगरगुंडा, जिला सुकमा सहित 3 स्थानों पर 90 बिस्तर के अस्पतालों की स्थापना की जाएगी। अम्बिकापुर, कांकेर तथा रायपुर के मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं के उन्नयन हेतु प्रावधान किए गए हैं। इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय खोलने के अलावा 80 से अधिक शालाओं का दर्जा बढ़ाया जाएगा। 100 से अधिक शालाओं में सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा।

जगदलपुर, बासीन और माकड़ी में शासकीय महाविद्यालय
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए जगदलपुर जिला बस्तर, बासीन जिला बालोद, माकड़ी जिला कोण्डागांव में शासकीय महाविद्यालय एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिए बजट प्रावधान है। शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा 23 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय खोलने के लिए बजट प्रावधान है।

भवन विहीन 18 सरकारी कॉलेजों के लिए नवीन भवन का निर्माण तथा 22 कॉलेजों में अतिरिक्त कमरों का निर्माण तथा शासकीय महाविद्यालय सीतापुर, जिला सरगुजा में ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा। शासकीय महाविद्यालय पखांजूर में कन्या एवं बालक छात्रावास की स्थापना एवं भवन निर्माण के लिए 2 करोड़ 30 लाख का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा नया बजट, नए छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा तय करने वाला है।