सीआईएनए, डेस्क। मंदिर में मूर्तियां चुरान के बाद उसे बेचकर पैसे कमाने की जगह चोरो ने मूर्तियां ही लौटा दीं। बेसकीमती मूर्तियों को वापस पाने के बाद महंत का भी चेहरा खिल गया। चोरों ने बकायदा एक चिट्ठी लिखकर महंत के घर के बाहर चुराई हुई सभी मूर्तियां वापस रख दिया और चले गए। चिट्ठी में चोरों ने जो लिखा उसे पढ़ने के बाद महंत से लेकर पुलिस तक सभी हैरान हैं।

दरअसल यह पूरा मामला उत्तरप्रदेश के चित्रकूट जिले का है। यहां के ऐतिहासिक भगवान बालाजी के मंदिर से 14 मूर्तियां चोरी हो गई। इन मूर्तियों की बाजार में कीमत लाखों में है। चोरी के संबंध में महंत रामबालक ने मंदिर का ताला तोड़कर चोर अष्टधातु से बनी 5 किलो की भगवान श्रीराम की मूर्ति, पीतल की राधाकृष्ण और बालाजी की मूर्ति समेत लड्डू गोपाल की मूर्ति समेत नकदी और चांदी का सामान चोरी कर ले गए थे।

14 मूर्तियां चुराने वाले चोर इन्हें बेचकर मालामाल हो जाते लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दूसरे दिन महंत ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दे दी। इसके बाद अगले दिन सुबह महंत को एक चिट्ठी मिली जिसमें मूर्तियों के संबंध में लिखा था। यह चिट्ठी उन चोरों ने ही लिखी थी जिन्होंने यह मूर्तियां चुराई थी। मंदिर में मूर्तियां चुराने के बाद चोर इन्हें वापस लौटा गए थे।

चिट्ठी में चोरों ने लिखा कि मूर्तियां चुराने के बाद बुरे सपने आ रहे हैं जिससे हमें काफी डर लग रहा है। इसलिए हम सभी मूर्तियां महंत के घर के बाहर रखकर जा रहे हैं। चिट्ठी पढ़ने के बाद खोज की तो मूर्तियां घर के बाहर एक टोकरी में बोरी के अंदर मिलीं। इसमें पीतल व तांबे की 12 मूर्तियां थीं लेकिन अष्ट धातु की दो मूर्तियां नहीं थीं। महंत ने सभी मूर्तियां कोतवाली पुलिस को सौंप दी। वहीं दो अष्ठधातू की मूर्तियों के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।